आज संध्या-समय भारत सरकार के नवगठित मंत्रीमंडल का शपथ-ग्रहण समारोह देखते-देखते मन में एक सामान्य जन के रूप में उपजे भावों ने एक ग़ज़ल का रूप ले लिया। उसी को लेकर एक लंबे अंतराल के बाद आज ब्लॉग पर उपस्थित हूँ।
2122 2122 2122
आप ने ली जो शपथ, वो याद रखना
जो यहॉं लाये हैं उन को, याद रखना।
राह में आये भले कोई चुनौती
आस जन-जन की तुम्हीं हो, याद रखना।
स्वप्न देखो जब तरक्की अम्न के तुम
खुद से पहले देश देखो, याद रखना।
बॉंटने निकलो तो खुशियॉं बॉंटना तुम
भूल से भी ग़म नहीं दो, याद रखना।
दूरियॉं जिनसे बढ़ें वो भूल कर तुम
दिल मिलें वो बात बोलो, याद रखना।
साथ मिलकर वायदे सारे निभाना
संगठित रहना, न टूटो, याद रखना।
कर सको कुछ, फिर ये अवसर कब मिलेगा
मोह-माया में न लिपटो, याद रखना।
तिलक राज कपूर
2122 2122 2122
आप ने ली जो शपथ, वो याद रखना
जो यहॉं लाये हैं उन को, याद रखना।
राह में आये भले कोई चुनौती
आस जन-जन की तुम्हीं हो, याद रखना।
स्वप्न देखो जब तरक्की अम्न के तुम
खुद से पहले देश देखो, याद रखना।
बॉंटने निकलो तो खुशियॉं बॉंटना तुम
भूल से भी ग़म नहीं दो, याद रखना।
दूरियॉं जिनसे बढ़ें वो भूल कर तुम
दिल मिलें वो बात बोलो, याद रखना।
साथ मिलकर वायदे सारे निभाना
संगठित रहना, न टूटो, याद रखना।
कर सको कुछ, फिर ये अवसर कब मिलेगा
मोह-माया में न लिपटो, याद रखना।
तिलक राज कपूर
3 comments:
बहुत खूब ... लाजवाब शेरों के माध्यम से जागृत रखने का प्रयास है नहीं सरकार को ... आशानुरूप ही होने वाला है ...
उम्दा और बेहतरीन... आप को स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत बधाई...
नयी पोस्ट@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ
सभी शेर कमाल...
बॉंटने निकलो तो खुशियॉं बॉंटना तुम
भूल से भी ग़म नहीं दो, याद रखना।
बधाई.
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